भारतीय नर्सों की दुनिया भर में मांग है और इसका प्रमुख कारण है उनका महनती होना। सॉफ्टवेयर इंजीनियर के बाद भारतीय नर्स ही हैं, जिनकी अमेरिका में सबसे ज्यादा डिमांड है। एक अनुमान के मुताबिक, अगले 20 वर्षों में वहां हर साल 20,000 नर्सों की आवश्यकता होगी।
दुनियाभर में नोबल प्रोफेशन के तौर पर जाना जाने वाला यह प्रोफेशन धैर्य के साथ सेवा समर्पण की मांग करता है। सॉफ्टवेयर इंजीनियर के बाद भारतीय नर्स ही हैं, जिनकी अमेरिका में बड़े पैमाने पर मांग है।
अमेरिका में भारतीय नर्सों की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि 40 से 50 हजार डॉलर के वेतन के अतिरिक्त अमेरिका के लिए भारतीय नर्सों को वीजा आदि भी तुरंत मिल जाता है तथा उन्हें अपनी फैमिली को ले जाने की अनुमति भी मिल जाती है।
भारतीय नर्सों की दुनियाभर में मांग का एक कारण उनका मेहनती होना है। अमेरिका की नर्सों की तुलना में उनमें अधिक स्थिरता भी देखने को मिलती है। उनके इन्हीं गुणों के लिए नेशनल काउंसिल लाइसेंस एग्जामिनेशन फॉर रजिस्टर्ड मैसेज लेने में प्रशिक्षण तथा टेस्ट ऑफ स्पोकन इंगलिश व टॉफेल आदि पास करने के लिए मुफ्त प्रशिक्षण दिया जाता है।
नर्स की जिम्मेदारियां
नर्सिंग का कार्य विविधता से परिपूर्ण है तथा इसके साथ तरह-तरह के कार्य और दायित्व जुड़े हुए हैं। नर्स का कार्य और दायित्व, कार्य वातावरण और योग्यता के स्तर के साथ बदलते रहते हैं।
शुरुआती स्तर पर मरीजों की देखभाल के लिए नर्सों की आवश्यकता होती है, जबकि वरिष्ठ स्तर पर नर्सों को मनोरोगियों, बच्चों, गहन चिकित्सा कक्ष के रोगियों जैसे विशेष समूहों की देखरेख करनी पड़ती है। इसके लिए विशेष कौशल की आवश्यकता होती है।
इसके अलावा नर्सिंग स्टाफ दवाइयां बांटने, रोगियों की रिपोर्ट अपडेट रखने, चिकित्सकीय उपकरण लगाने, प्रशासनिक तथा अन्य कई रुटीन काम भी करती हैं।
जानें कोर्स और योग्यता के बारे में
देश में विभिन्न संस्थान नर्सिंग व मिडवाइफरी में डिप्लोमा, डिग्री तथा पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स संचालित करते हैं। जिसके लिए कम से कम 12वीं, बायोलॉजी, फिजिक्स व केमिस्ट्र विषय के साथ पास करना जरूरी है। नर्सिंग के क्षेत्र में प्रवेश करने वालों को शारीरिक तथा मानसिक स्तर पर मजबूत होना चाहिए।
बीएससी (नर्सिंग) की अवधि 3 से 4 वर्ष है, एमएससी (नर्सिंग) दो वर्ष, जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी (जेएनएम) साढ़े तीन साल है। ऑक्जिलरी नर्स मिडवाइफ (एएनएम) पाठ्यक्रम की अवधि 10 माह है।
सैलरी
नर्सों को मिलने वाली आय उनकी सीनियोरिटी के आधार पर कम अथवा ज्यादा होता है। सरकारी अस्पतालों में कार्यरत नर्सें 10 से 15 हजार प्रतिमाह वेतन पाती है। मिलिट्री सेवा में कार्यरत नर्सों को अपेक्षाकृत ज्यादा वेतन मिलता है।
निजी अस्पतालों में कार्य करने वाली नर्सों को दैनिक वेतन पर काम दिया जाता है, जबकि प्रतिष्ठित नर्सिंग होम द्वारा उन्हें बेहतर सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। अगर विदेश में नर्स की नौकरी का मौका मिल जाए तो 40 से 50 हजार डॉलर शुरुआती वेतन मिलता है।
How can I get a nursing job abroad?
If you like to move western countries, you should have minimum bachelor degree or like to enter into gulf countries – ANM, GNM qualification is enough with good experience. Nurses are going to work abroad so it's natural to be fluent in native language.